my blogs

Tuesday, August 31, 2010

eclumpsia and pre-eclumpsia

प्रिय मित्रों आप सोच रहे होंगे की मैं आजकल अपने ब्लॉग में संतान एवं प्रजोत्पत्ति के सम्बन्ध में अधिक जानकारी क्यों दे रहा हूँ, उसका कारन ये है की आयुर्वेद में स्वस्थ रहने के नियम बताये हैं और नए जीवन की शुरुआत यदि उत्तम होगी  तो जीवन भर निरोग रहेगा और अपने देश का सक्षम नागरिक बनेगा . इसीलिए उत्तम स्वास्थ्य की शुरुआत माता पिता के जन्म देने से लेकर होनी चाहिए . अधिक संतान की चाह न करते हुए दो संतान काफी हैं . पिछले ब्लॉग में गर्भवस्था में देखभाल के बारे में चर्चा हुयी थी , अब गर्भावस्था में उच्च रक्त चाप . के बारे में निर्देश दूंगा .
इस हेतु मैं पुनः आग्रह करूंगा की संतान उत्पत्ति करने के पूर्व पंचकर्म अवश्य करवाएं  जिससे की शारीर की संपूर्ण शुद्धि हो जाये ,  गर्भावस्था में उच्च रक्त चाप से बचने हेतु गुडूची / गिलोय का रस १० मी. ली.  सुबह शाम पिए . अर्जुन क्षीर पाक का सेवन करें

1 comment:

  1. waise to maine galti ki hai. Par hua youn ki mai ek 15 sal ki ladki se pyar karta hun mai pichle kuch mahino se uske sath sehwas kar raha hun par uske dard ke karan maine uske koumary ko bhang nahi kiya hai aour apna virw bahar girata hun par mujhe sak hai ki ek do bund andar chala jata hai kuch din pahle wo kah rahi thi ki uske pet me dard ho raha hai aour do bar ulti hui hai mai kafi dara hua hun kya karun kya koi gharelu upay hai?

    ReplyDelete