प्रिय मित्रों नमस्कार ,
आज मैं आपसे एक महत्त्वपूर्ण विषय पर चर्चा करना चाहूँगा . प्रत्येक माता-पिता यह चाहते हैं की उनकी संतान स्वस्थ और सुंदर हो. सक्रिय और बौद्धिक रूप से भी सक्षम हो . यहाँ एक प्रश्न यह आता है की कैसे???
उत्तर है !!!!j
आयुर्वेद सिध्धान्तों के अनुसार स्वस्थ माता पिता की संतान स्वस्थ होती है जैसे की स्वस्थ बीज से स्वस्थ वृक्ष की उत्पत्ति होती है . आज के फास्ट फ़ूड के ज़माने मैं उचित आहार भी लोगों के द्वारा नहीं किया जाता .इस प्रकार वर्षों से संचित अपक्व तथा अशुद्ध (ठीक तरह से न पचा हुआ तथा अन्दर ही अन्दर विकृति को प्राप्त हुआ ) अन्नरस जब शरीर के अंगों में जाता है वोह वहां अवरोध पैदा करता है जिसके कारण सभी धातुओं का पोषण नहीं हो पाता रस से लेकर शुक्र तक सात धातु पर्याप्त पोषण प्राप्त नहीं होता . कुल मिला कर सरल भाषा में शुक्र (semen) निर्माण ठीक ढंग से नहीं होता तथा स्त्रियों में स्तन्य (मिल्क) और रज (ovum ) की उत्पत्ति सही नहीं होती
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