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Friday, August 13, 2010

jai hind

प्रिय मित्रों,
                 प्रत्येक वर्ष की तरह हम इस वर्ष भी स्वतंत्रता दिवस अत्यधिक हर्षोल्लास के साथ मनाने को तैयार हैं , आज मैं आपको किसी शारीरिक अथवा मानसिक बीमारी के बारे में न बताकर एक ऐसी बीमारी के बारे में बताना चाहता हूँ जो इन सभी बिमारियों से कहीं अधिक भयंकर और गंभीर है.
वोह बीमारी है भ्रस्टाचार जो की अमीरों और नेताओं  से शुरू होकर बाबुओं और चप्रासिओं तक फैली  है और अंग्रेजों    के ज़माने से चलती आ रही है और फल फूल रही है . इस बीमारी ने देश को खोखला कर दिया है . क्या कभी आपने शासकीय सेवाओं के गिरते स्तर को महसूस किया है / खैर इसके लिए भी हम आप लोग ही दोषी हैं . खाने खीलाने की परंपरा तो इतनी पक्की हो चुकी है की हम और आप इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते क्योंकि हमारी और आपकी आवाज़ नक्कारखाने में तूती की तरह ही है.  
वैसे हमारे देश में सफाई नाम की कोई चीज़ है या नहीं जहाँ नज़र दौडाओ वहां कचरा ही दिखेगा. वैसे हमारे अशोक नगर की यह खासियत है की अगर गलती से नगर पालिका ने कचरे का बड़ी

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