मेरे प्रिय ब्लॉग साथियों, आप सभी को आयु लाइफ क्लिनिक के पूरे स्टाफ की तरफ से स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये . आज हमारे समाज के सामने एक गंभीर समस्या है . वह है एड्स पीड़ितों पर लोगों द्वारा किया व्यव्हार(दुर्व्यवहार) . आज इस रोग को लेकर न जाने कितनी प्रकार की भ्रांतियां फैली हुयी हैं . सबसे पहले मैं आपको ये बता दूं की यह बीमारी संक्रमित रक्त से सामान्य व्यक्ति के रक्त में जाने से होती है . इस बीमारी के फैलने के अनेक कारण हैं . पर न जाने क्यों उस पर चरित्रहीनता का धब्बा लगा देते है .
१. असुरक्षित यौन संबंधों से .
२. संक्रमित रक्त के blood transfusion के कारण
३.गर्भवती स्त्री से गर्भ को,
४. ग्रामीण क्षेत्रों में झोला छाप चिकित्सकों की भरमार होने के कारण एक syringe से अनेक व्यक्तियों को injection लगाने के कारण
कारण कुछ भी हो , लेकिन किसी व्यक्ति को पता चल जाए की उसे एड्स है तो वह मरने के पहले जिन्दा लाश बन जाता है, दोस्तों एड्स का इलाज़ संभव है . आयुर्वेद की संहिताओं में इसका वर्णन मिलता है , आयुर्वेद में इस रोग को राजयक्ष्मा के नाम से जाना जाता है .
इस बीमारी का इलाज़ सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेद द्वारा संभव है .
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