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Wednesday, August 10, 2011

वाजीकरण चिकित्सा

जो औषध वंश परंपरा को स्थापित कराती है , अर्थात जिसके सेवन के पश्चात न सिर्फ पुरुष स्वयं रति शक्ति से परिपूर्ण होता है ,अपितु उससे उत्पन्न संतान भी उत्तम वीर्य से युक्त होकर ,स्वस्थ होने के साथ प्रजोत्पादन में समर्थ होती है .इसके सेवन से पुरुष अश्व के समान बलशाली होकर स्त्री गमन करता है , तथा स्त्रियों को अति प्रिय हों जाता है , इसके सेवन से शरीर सुपुष्ट हों जाता है . वृद्ध अवस्था में भी उत्तम संतान जनक वीर्य उत्पन्न होता रहता है . जो संतान उत्पत्ति का मूल है उसे वाजीकरण कहते हैं .........

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