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Tuesday, December 14, 2010

sadar namaskar

प्रिय मित्रों ,
                  सादर नमस्कार बड़े दिनों बाद आपके समक्ष उपस्थित हुआ हूँ , शीत ऋतू या कहें की हेमंत ऋतू का आगमन हो चुका है , क्रिसमस और नव वर्ष का आगमन भी होने को है , आज मैं आपको शीत ऋतू की चर्या याने की ठंडो में किस तरह का आहार तथा विहारे करना चाहिए इस बारे में जानकारी दूंगा , शीत ऋतू में ठंडी हवाओं के कारन अग्नि प्रबल होती है यानि की जैसा भी आहार आप करते हैं उसे पचाने की क्षमता शरीर में होती है इस काल को विसर्ग काल कहा जाता है क्योंकि इसमें सूर्या का बल हीन तथा चन्द्रमा बलशाली होता है ,इस काल में शरीर का बल उत्तम होता है , उष्ण और स्निग्ध आहार लेना है , इस ऋतू में उरद की दाल का सेवन करना उत्तम रहता है. इस काल में व्यायाम भी करना चाहिए ,जोग्गिंग उत्तम व्यायाम है , योग करने वाले योग भी करें

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