my blogs

Friday, September 17, 2010

cancer karkrog

प्रिय मित्रों नमस्कार, आज मैं आपको कैंसर यानि कर्करोग के बारे में जानकारी देने जा रहा हूँ . इस रोग के अनेक कारण होते हैं , जो की हम सब जानते हैं , जानने योग्य बात यह है की ये किन किन अंगो में हो सकता है , यह रोग शरीर के किसी भी अंग से शुरू होकर कही भी फैल सकता है क्योंकि कैंसर ग्रस्त कोशिका रक्त संचार के द्वारा एक प्रभावित भाग से दुसरे स्वस्थ भाग में पहुँच कर उसे भी कैंसर ग्रस्त कर सकती है . कैंसर एवं एड्स जैसी बिमारियों के भयानक होने का कारण यह है की ये मनुष्य के जींस और क्रोमोसोम पर हमला करती है

आचार्य  चरक के अनुसार  हमारे शरीर में पुरानी कोशिकाओं का नाश  तथा नयी कोशिका निर्माण की प्रक्रिया निरंतर चलती है  यहाँ ये बात ध्यान देने योग्य है की ये दोनों प्रक्रियाएं समान गति से होने के कारण हमें इसका अनुभव नहीं होता कैंसर में निर्माण की प्रक्रिया अनियंत्रित होती है और इसमें जो कोशिकाएं निर्मित होती हैं वे   अविकसित और विकृत होने के कारण कार्य करने योग्य नहीं होती , शरीर के लिए अनुपयोगी सिद्ध होती हैं . चरकचार्य के अनुसार विकृत कोशिका निर्माण की प्रक्रिया को रोकना ही कैंसर का उपचार है जिससे नयी कोशिकाओं का  निर्माण सही रूप से हो सके . आजकल कैंसर के उपचार के लिया chemo थेरपी का उपयोग किया जाता है जो की विषैली  होती हैं आयुर्वेद में कैंसर को बढ़ने से रोकने के लिए उपचार कहे गए हैं इस विषय में आगे बहुत सारी चर्चा करना है जो की में आपको अगले ब्लोग्स में दूंगा

2 comments: