प्रिय मित्रों , आज मैं मानस रोगों के अन्य कारणों के बारे में बताऊँगा और साथ में उनसे बचाव के उपाय भी बताऊँगा .
१. किसी प्रिय व्यक्ति अथवा वस्तु के विछोह में. इस के कारण मन उद्वेलित होता रहता है.
अब मानस रोगों से बचाव के बारे में बतलाऊँगा .
१. हम सभी जानते हैं की हमारे मस्तिष्क के दो भाग होते हैं ( two cerebral hemispheres) होते हैं जो की परस्पर विपरीत दिशाओं की मानसिक एवं शारीरिक क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं , यह हुयी आधुनिक चिकित्सा शास्त्र की बात अब आयुर्वेदानुसार नाड़ियों का वर्णन है इडा और पिंगला . अपने कभी अनुभव किया हो तो नाक के एक छिद्र से गर्म और दुसरे से ठंडी हवा का वहां होता है इसका अर्थ यह है यह दोनों नाड़ियाँ शरीर का तापमान का नियंत्रण रखती हैं , वास्तव में इन दोनों का सही संतुलन अतिआवश्यक है , वास्तव में मस्तिष्क को सही कार्य करने के लिए दो भागों का सही संतुलन आवश्यक है. यह संतुलन प्राणायाम और योग के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है . योग के द्वारा मानसिक एवं शारीरिक क्रियाओं में संतुलन के द्वारा ही स्वस्थ रहा जा सकता है . अगले ब्लॉग में अन्य उपायों के बारे में बतलाऊँगा.
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