मेथी महत्वपूर्ण औषधियों में से एक है इसमें विटामिन के साथ धात्विक पदार्थ और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाए जाते है अधिकांश लोग मेथी की कडवाहट के कारण इसे पसंद नहीं करते पर यही कडवाहट खाने का स्वाद बढ़ाता है साथ ही यह भूख बढ़ाने में सहायक होता है मैथी में कडवापन उसमे उपस्थित पदार्थ 'ग्लाइकोसाइड ' के कारण होता है मैथी में फास्फेट , लेसिथिन, विटामिन डी और लौह अयस्क होता है जो आपकी स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करते है ।
~ मेथी दाने ~
- मेथी दाने न सिर्फ शरीर को आंतरिक रूप से मजबूत करते है बल्कि शरीर को बाहरी सुन्दरता देने में भी सहायक हो सकते है मैथी के दानों को पीसकर यदि त्वचा पर लगाया जाए तो यह सुन्दर और मुलायम बनती है.
- इसका प्रयोग घाव और जलने के इलाज में भी किया जाता है
- पुराने समय में बच्चे के जन्म को आसान बनाने के लिए गर्भवती स्त्री को मेथी खिलाई जाती थी मैथी में ऐसे पाचक एंजाइम होते है जो आग्नाशय को अधिक क्रिया शील बना देते है
- इससे पाचन क्रिया भी सरल हो जाती है यह गैस्ट्रिक अल्सर के उपचार में भी उपयोगी है - मेथी के स्टेराइड युक्त सैपोनिन और लस दार रेशे रक्त में शर्करा को कम कर देते है इसलिए मैथी का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए भी लाभदायक होता है
- मेथी को यदि कुछ मात्रा में रोज लिया जाए ओ इससे मानसिक सक्रियता बढ़ती है
- यह शरीर के कोलेस्ट्रोल का स्तर भी घटाता है ।
- वायु के कारण होने वाले हाथ-पैर के दर्द में मेथीदानों को घी में सेंककर उनका चूर्ण बनायें एवं उसके लड्डू बनाकर प्रतिदिन एक लड्डू का सेवन करें तो लाभ होता है।
~ मेथी के पत्ते ~
- रोज सुबह व श्याम मेथी का रस निकाल कर पियें मधुमय ठीक हो जाती है।
- मेथी की सब्जी में अदरक,गर्म मसाला डालकर खाने से निम्न रक्तचाप में फायदा होता है।
- बच्चों के पेट में कृमि हो जाने पर उन्हें मेथी की भाजी का 1-2 चम्मच रस रोज पिलाने से लाभ होता है।
- रोज हरी अथवा सूखी मेथी का सेवन करने से शरीर के 80 प्रकार के वायु के रोगों में लाभ होता है।
- मेथी की सूखी भाजी को ठंडे पानी में भिगोयें। अच्छी तरह भीग जाने पर मसलकर छान लें एवं उस पानी में शहद मिलाकर एक बार रोगी को पिलायें तो लू में लाभ होता है।
- कफदोष के कारण जिन्हें हमेशा सर्दी-जुकाम-खाँसी की तकलीफ बनी रहती हो उन्हें तिल अथवा सरसों के तेल में गरम मसाला, अदरक एवं लहसुन डालकर बनायी गयी मेथी की सब्जी का प्रतिदिन सेवन करना चाहिए।...........
~ मेथी दाने ~
- मेथी दाने न सिर्फ शरीर को आंतरिक रूप से मजबूत करते है बल्कि शरीर को बाहरी सुन्दरता देने में भी सहायक हो सकते है मैथी के दानों को पीसकर यदि त्वचा पर लगाया जाए तो यह सुन्दर और मुलायम बनती है.
- इसका प्रयोग घाव और जलने के इलाज में भी किया जाता है
- पुराने समय में बच्चे के जन्म को आसान बनाने के लिए गर्भवती स्त्री को मेथी खिलाई जाती थी मैथी में ऐसे पाचक एंजाइम होते है जो आग्नाशय को अधिक क्रिया शील बना देते है
- इससे पाचन क्रिया भी सरल हो जाती है यह गैस्ट्रिक अल्सर के उपचार में भी उपयोगी है - मेथी के स्टेराइड युक्त सैपोनिन और लस दार रेशे रक्त में शर्करा को कम कर देते है इसलिए मैथी का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए भी लाभदायक होता है
- मेथी को यदि कुछ मात्रा में रोज लिया जाए ओ इससे मानसिक सक्रियता बढ़ती है
- यह शरीर के कोलेस्ट्रोल का स्तर भी घटाता है ।
- वायु के कारण होने वाले हाथ-पैर के दर्द में मेथीदानों को घी में सेंककर उनका चूर्ण बनायें एवं उसके लड्डू बनाकर प्रतिदिन एक लड्डू का सेवन करें तो लाभ होता है।
~ मेथी के पत्ते ~
- रोज सुबह व श्याम मेथी का रस निकाल कर पियें मधुमय ठीक हो जाती है।
- मेथी की सब्जी में अदरक,गर्म मसाला डालकर खाने से निम्न रक्तचाप में फायदा होता है।
- बच्चों के पेट में कृमि हो जाने पर उन्हें मेथी की भाजी का 1-2 चम्मच रस रोज पिलाने से लाभ होता है।
- रोज हरी अथवा सूखी मेथी का सेवन करने से शरीर के 80 प्रकार के वायु के रोगों में लाभ होता है।
- मेथी की सूखी भाजी को ठंडे पानी में भिगोयें। अच्छी तरह भीग जाने पर मसलकर छान लें एवं उस पानी में शहद मिलाकर एक बार रोगी को पिलायें तो लू में लाभ होता है।
- कफदोष के कारण जिन्हें हमेशा सर्दी-जुकाम-खाँसी की तकलीफ बनी रहती हो उन्हें तिल अथवा सरसों के तेल में गरम मसाला, अदरक एवं लहसुन डालकर बनायी गयी मेथी की सब्जी का प्रतिदिन सेवन करना चाहिए।...........
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