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Sunday, May 15, 2011

giloy/guduchi/amruta...

प्रिय मित्रों, 
                 नमस्कार गिलोय , गुडूची या अमृता , ये नाम उस अमृत समान गुणकारी औषध के हैं जिसके बारे में जितना बताया जाये उतना कम है, यहाँ में आपको इसके कुछ विशेष महत्वपूर्ण गुणों के बारे में बताऊँगा. इसका सबसे ख़ास कार्य है रोग प्रति रोधक क्षमता को बढ़ाना . इसके सेवन से उच्च रक्त चाप यानि की ( high blood pressure) की समस्या दूर होती है. क्योंकि इसके तिक्त और कषाय रस के कारण यह कोलेस्ट्रोल को कम करता है. यह बात आप स्वयं इसके सेवन के पश्चात अनुभव करेंगे , क्योंकि इसके सेवन से रक्त चाप सुधरता है तथा एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति तथा हल्कापन लगता है. स्वाद में कड़वा होता है लेकिन इसका कडवापन अधिक देर तक जिव्हा पर नहीं रहता . 
                                        यह शारीर का शोधन (purification) करता है , कैंसर कर्करोग में यह विकृत कोशिका के प्रसार को रोकता है तथा उपचार में सहयोगी सिध्ध होता है , 
                                                                                        वास्तव में बताने को तो बहुत कुछ है लेकिन गागर में सागर नहीं भरा जा सकता इस लिए इतना ही कहूँगा. इस औषध के प्रयोग अनेक हैं , पर वे चिकित्सक के ज्ञान पर निर्भर हैं ,
                                        

Wednesday, May 4, 2011

stan paan

प्रिय मित्रों नमस्कार , 
                                लम्बे समय के बाद आपके समक्ष  उपस्थित हुआ हूँ . आज मैं एक ऐसी समस्या को लेकर विचार विमर्श करना चाहता हूँ. जिस विषय से अधिकतर लोग अनभिज्ञ हैं. मेरा आज का विषय है स्तन पान , हम सभी जानते हैं की माँ का दूध शिशु के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है , क्योंकि वह शिशु के विकास tके लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है. आज कल आहार विहार संबंधी गलतियों के चलते रस धातु की विकृति हो जाती है , जिसके कारण स्त्रियों में स्तन्य (मिल्क) की उतपत्ति नहीं होती या होती भी है तो वह दोष युक्ता होता है जिस से शिशुओं में अनेक प्रकार की बीमारिया होने की संभावना होती है 
                                                                              वास्तव में प्रकृति ने प्रत्येक जीव जंतु को अलग बनाया है . कई लोग माता का दूध न स्त्राव होने की स्तिथि में गाय अथवा भैंस का दूध शिशु को देते हैं जो उसके मानसिक शारीरिक और बौद्धिक विकास में अवरोध उत्पन्न करता है . 
                                                                                        बहुत से लोगों को यह भी जानकारी नहीं है की यदि माँ का दूध नहीं निकलता है तो इस का उपचार संभव है . आयुर्वेद संहिताओं में इस समस्या एवं इसके उपचार के सम्बन्ध में वर्णन मिलता है . 
                                                याद रखिये माँ का स्थान इस संसार में भगवान भी नहीं ले सकते . ऐसी समस्या के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक का परामर्श अवश्य ले . 
                                                                                                   धन्यवाद ........