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Thursday, January 20, 2011

herpes zoster

प्रिय मित्रों ,
                आज मैं आपको हेर्पेस जोस्टर जिसे की आयुर्वेद में विसर्प व्याधि के नाम से जाना जाता है , ये बीमारी बहुत ही कष्ट दायक होती है क्योंकि इसमें भयंकर पीड़ा होती है .इसके लक्षण हैं ज्वर याने की बुखार आना सारे शरीर में लाल रंग की छोटी छोटी पीतिकाएं या फुंसियां हो जाती हैं जो एक स्थान से शुरू होकर बढती जाती हैं और फैलती जाती हैं जिस स्थान पर बढती हैं वहां जलन दर्द और कभी कभी खुजली होती हैं . इस ज्जलन से बचने के लिए घरेलु उपचार के रूप में नारियल तेल का उपयोग किया जा सकता है . आहार में स्निग्ध और शीत आहार जैसे से गोघृत में बने पदार्थ अनार का रस दूध चावल मीठी चीज़ का सेवन करें , खट्टी चीज़ों का परहेज़ करें .सैट धौत घृत का सेवन करें जिससे जलन शांत होती है अग्नि बढती है ,भूख लगती है. आयुर्वेद चिकित्सक इस बीमारी में विरेचन यानि पर्जेतिव का प्रयोग करते हैं जिससे शीघ्र लाभ मिलता है . चंद्रप्रभा वती का सेवन भी लाभ दायक होता है.

Friday, January 7, 2011

sheet lehar se bachav ke upaay

मेरे प्रिय ब्लॉगर साथियों , इस वर्ष शीत ऋतू का भयंकर प्रकोप संपूर्ण भारत में फैला हुआ है , तापमान अत्यधिक न्यूनतम होता जा रहा है , इस के चलते कई स्थानों पर ठण्ड के कारण मरने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है , इस ब्लॉग में मैं आपको ठण्ड से बचाव के उपाय बताऊँगा ,
१. सर्वप्रथम अपने सभी महत्वपूर्ण कार्य दिन में निपटाने का प्रयास करें. दिन सूर्योदय के पूर्व और सूर्यास्त के पश्चात कही भी आवागमन का निषेध करें .
२. भोजन में उष्ण वीर्य पदार्थों को सम्मिलित करें जैसे की सरसों लहसुन तिल गुड और इनसे बने पदार्थों का सेवन करें.
३. प्रातःकाल गर्म पानी से स्नान पश्चात तिल या सरसों के तेल से प्रतिदिन मालिश करें और गर्म कपडे इन्नर इत्यादी का उपयोग करें
४. वाहन मोटर साइकल का प्रवास नहीं करें , शीतल वायु से हानि हो सकती है