प्रिय मित्रों ,
आज मैं आपको diabetic ketoacidosis के बारे में बताना चाहूँगा जो की एक और बड़ी समस्या है जिसमे की इंसुलिन की कमी होने के कारण शरीर अपनी उर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वसा का पाचन करता है जिससे अम्लीय ketone bodies का निर्माण होता है जो की अत्यंत हानिकारक है इसके फलस्वरूप रक्त में अम्लता , शरीर में पानी की कमी तथा गहन श्वास ,तीव्र श्वास होती है , मित्रों इस स्थति से बचने के लिए हमें सावधानिया रखनी होंगी , सबसे पहले यदि आप मधुमेह के नए रोगी हैं तो हमें प्रयास यह करना होगा की शुरुवात में परहेज पर अधिक ध्यान दें क्योंकि यदि एक बार आप इंसुलिन पर निर्भर हो गए तो जीवन भर उसी पर निर्भर रहना होगा . ऐसी स्थिति में जब इंसुलिन बाहरी स्रोत से प्राप्त होने पर अग्नाशय उसका निर्माण बिलकुल ही बंद कर देगा. इस स्थिति को disuse atrophy कहते हैं . हमारा प्रयास यह है की पहले यह जानकारी प्राप्त करें की कितने प्रतिशत कोशिकाओं का ह्रास हुआ है. क्या उन कोशिकाओं को पुनः जीवित किया जा सकता है ,यदि नहीं किया जा सकता तो कम से कम शेष कोशिकाओं को बचाया जा सकता है ,और यदि पुनर्जीवित करने का प्रयास सफल होता है तो यह आशा की नयी किरण होगी क्योंकि एक बार diabetic ketoacidosis होने पर बचना मुश्किल है
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