आयुर्वेद में आहार किस प्रकार से करना चाहिए , उस बारे में जानकारी भी दी गयी है. स्वस्थ रहने हेतु कैसे भोजन करना चाहिए/
उष्णं - खाना गर्म होना चाहिए. इससे वह भोजन पचाने के लिए उपयोगी पाचन शक्ति को बढ़ता है
स्निग्धं - खाना स्निग्ध अर्थात चिकनाई युक्ता होना चाहिए , जिससे वह आंतो के चलन में सहायक हो.
मत्रावत- मात्र अर्थात quantity का विचार करके ही खाना चाहिए जितनी मात्र आसानी सी पच जाए उतनी ही मात्र लें
जीर्णे- पूर्व में किये आहार के पच जाने के अस्चात ही लें.
अवीर्यविर्रुध्द्हम - वीर्य के विर्रुध्ध नहीं हो जैसे दही और बेसन , शीत और उष्ण एक साथ . दही और मछली एक साथ घी और शहद एक साथ नहीं लेना चाहिए
देश और काल के अनुसार , उचित भोजन लें . न बहुत जल्दी और नाही अधिक विलम्ब से मन लगाकर खाना चाहिए .
खाते समय अन्य विकल्प मन में नाही होना चाहिए मोबाइल बंद रखें और ज्यादा बात न करें .
aawashyak jaankaaree prastut karane ke liye badhaai
ReplyDeleteI like this blog very much. I have online store of bed and bath linen. From here you can buy bed linen made of 100% cotton. If you want to know, Click here Bed and Bath Linen Online
ReplyDelete