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Monday, March 21, 2011

ghrit kumari(Aloe vera)

प्रिय मित्रों आप सभी को होली एवं भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाये . आज मैं आपको ऐसे औषधीय पौधे के बारे में बताना चाहता हूँ जो की वास्तव में प्रकृति का उपहार है. हम सभी जानते हैं की एलो वेरा जिसे की आम बोलचाल की भाषा में ग्वार पाठ या घृत कुमारी कहा जाता है. इसका प्रयोज्य अंग इसके डंठलों में पाया जाने वाला चिकना पदार्थ है जिसे पल्प कहा जाता है.
                                                                       आजकल इसका प्रयोग सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है. परन्तु यह मात्र इसी उपयोग के लिए नहीं है ,इसके अन्य बहुत सारे महत्वपूर्ण उपयोग हैं . जिसमे सबसे अधिक महत्वपूर्ण है की अचानक जल जाने या कट जाने पर इसके लगाने से तुरंत आराम मिलता है. पेप्टिक अल्सर में यानि की अन्त्रों में छाले हो जाने पर इसके रस को पीने से छालों का घाव भर जाता है और एसिडिटी में आराम मिलता है , 
                                  मधुमेह में इसका उपयोग करने पर यह रक्त शर्करा के नियमन में मदद करता है तथा यकृत एवं अग्नाशय के चयापचय में सुधार लता है. 
अत्यधिक मद्यपान करने से लीवर में उत्पन्न विकारों को दूर करने में मदद करता है . कैंसर में इसका उपयोग एंटी ओक्सिडेंट के रूप में किया जाता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने में मदद मिलती है. 
                                                                                                                                  इसीलिए तो कहते हैं आयुर्वेद अमृत के सामान है . जय हिंद .......... 

Wednesday, March 16, 2011

holi me twacha rog

प्रिय मित्रों ,
                    नमस्कार आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनायें.  होली रंगों का त्यौहार है , यदि हम चाहते हैं की हमारी होली सुखद और सौहाद्रपूर्ण गुज़रे तो हमें कुछ बातों का ध्यान  रखना होगा. होली में कई बार घटिया रंगों का इस्तेमाल किया जाता है , कई बार रंगों में अम्लता पायी जाती है . जिससे त्वचा को नुक्सान पहुँच सकता है. जहां तक संभव हो होली गुलाल से ही मनाई जाए. इससे दो लाभ होंगे एक त्वचा  को नुक्सान नहीं होगा और दूसरा पानी की बचत होगी. 
                                        और एक विशेष बात होली के दिन किसी भी प्रकार का नशा न करें क्योंकि बहुत सारे लोग भांग का नशा करते हैं , बहुत से लोग शराब भी पीते हैं .इन सभी वजहों से दुर्घटना होने की संभावनाएं
 होती हैं.   
                होली खेलने जाने से पहले अपने पूरे शारीर पर नारियल तेल लगा लें. यह आपकी त्वचा पर सुरक्षा कवच का कार्य करेगा . रंगों से यदि कोई विकार उत्पन्न होता है तो त्वचा को साफ़ पानी से धोकर उस पर ग्वार पाठा का रस लगाना चाहिए.

Sunday, March 6, 2011

dear foreign user

dear friends,
             i would like to inform you that for English translation of my blogs please log on to www.ayulifeclinic.wordpress.com . all my previous blogs which i have written in hindi will be available in this site, i genuinely understand that foreign users of this blog suffer language problem to understand hindi,
                                                                                           your's faithfully Dr. Abhishek Goel