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Wednesday, July 21, 2010

parhej

प्रिय मित्रों ,
                      आजकल हम लोग देख रहे हैं की लोग मधुमेह एवं ह्रदय रोग से ग्रस्त रहते हैं . चिकित्सकों द्वारा उन्हें परहेज की सलाह दी जाती है . परहेज के नाम पर सबकुछ त्याग देते हैं एवं रूखा सूखा भोजन करने लगते हैं . मेरे इस ब्लॉग का उद्देश्य यह है की वास्तव में परहेज किस तरह किया जाना चाहिए. किन्ही परिस्थितियों में पूर्ण रूप से परहेज आवश्यक हो जाता है क्योंकि उसमे रक्त में वसा की मात्रा अत्यधिक बढ़ जाती है. उन्हें बिलकुल चिकनाई रहित भोजन करना उपयुक्त है .कुछ समय तक ऐसा करना ठीक है आप तब तक ऐसा करें जब तक लेवल सामान्य न हो जाए. अत्यधिक परहेज करने से शारीर में रूखापन बढ़कर अन्य विकार जैसे  त्वचा का सूखना , जोड़ों में तकलीफ कमजोरी आ सकती है . शारीर को ठीक से काम  करने के लिए बहुत सारी चिकनाई की जरूरत नहीं होती बहुत थोड़ी सी चिकनाई से काम हो जाता है यहाँ पर एक बहुत महत्वपूर्ण बात जो मैं बताना चाहता हूँ  वो यह की protein +fat  का संयोग carbohydrate + fat   से बेहतर है क्योंकि प्रोटीन dry  और rough  होता है जो वसा के संयोग से सही संतुलन बनता है वसा में चिकनाई होती है यह संयोग उचित है और हानि कारक नहीं है वहीँ carbohydrate  के गुण fat  के सामान होने के कारण यह शारीर में जमा होकर शर्करा एवं cholesterol  को बढ़ाता है. इसलिए घी एवं चिकनाई का एकदम त्याग करना हानिकारक है  अल्प मात्रा में लेना उचित है तथा व्यायाम भी करते रहना चाहिए.  प्रोटीन में जैसे चना मूंग सोयाबीन को पानी में गलाकर सुबह थोड़े से घी में सेक सकते हैं

Friday, July 9, 2010

adhik duble patle vyakti ko wajan bhadhne hetu

प्रिय मित्रों ,
कुछ लोग अत्यधिक मोटापे से परेशान  हैं परन्तु कुछ ऐसे भी हैं जो की बहुत दुबलेपन से भी परेशान हैं .वास्तव में हम यह सोचते हैं की वजन बढ़ने के लिए हमें ठूस ठूस कर खाना जरूरी है जो की गलत है . वास्तव में दुबले को लघु किन्तु स्निग्ध आहार लेना चाहिए इसका कारन ये है की हमें पहले ये समझना होगा की हमारी भोजन पचाने की क्षमता कैसी है. पहले पाचाकग्नी   को बढ़ाने की ज़रुरत है . लघु मतलब   हल्का जैसे की पहले की तुलना में कम लेकिन चिकनाई के साथ धीरे धीरे पाचक क्षमता बढ़ जाने पर अधिक आहार लें . आहार में कार्बोह्य्द्रेट प्रोटीन तथा वसा की संतुलित मात्रा  होनी चाहिए एक ही प्रकार का आहार न लेते रहें .तथा सभी प्रकार की सब्जी थोड़ी थोड़ी मात्र में लें १ कटोरी सब्जी १ कटोरी दाल ४ चपाती घी लगी हुयी १ कटोरी चावल सलाद खीरा टमाटर पत्ता गोभी ये भी होना चाहिए १ गिलास छाछ .खाने के बीच में थोड़ो थोडा पानी पी सकता है.
एक यह भी बात है की एक बार में बहुत सारा खा लेने से अच्छा है ४-४ घंटे के अंतर से थोडा थोडा खाया जाए.