my blogs

Wednesday, June 30, 2010

aahar sambandhi niyam

आयुर्वेद में आहार किस प्रकार से करना चाहिए , उस बारे में जानकारी भी दी गयी है. स्वस्थ रहने हेतु कैसे भोजन करना चाहिए/
उष्णं - खाना गर्म होना चाहिए. इससे वह भोजन पचाने के लिए उपयोगी पाचन शक्ति को बढ़ता है
स्निग्धं - खाना स्निग्ध अर्थात चिकनाई युक्ता होना चाहिए , जिससे वह आंतो के चलन में सहायक हो.
मत्रावत- मात्र अर्थात quantity  का विचार करके ही खाना चाहिए जितनी मात्र आसानी सी पच जाए उतनी ही मात्र लें
जीर्णे- पूर्व में किये आहार के पच जाने के अस्चात ही लें.
अवीर्यविर्रुध्द्हम - वीर्य के विर्रुध्ध नहीं हो जैसे दही और बेसन , शीत और उष्ण एक साथ . दही और मछली एक साथ घी और शहद एक साथ नहीं लेना चाहिए
देश और काल के अनुसार , उचित भोजन लें . न बहुत जल्दी और नाही अधिक विलम्ब से मन लगाकर खाना चाहिए .
खाते समय अन्य विकल्प मन में नाही होना चाहिए मोबाइल बंद रखें और ज्यादा बात न करें .

Wednesday, June 16, 2010

आहार के बारे में भाग २ विगत पोस्ट से जारी

१ नाश्ते में प्रोटीन एवं फाइबर युक्त पदार्थों का सेवन अधिक करें । आप एक सप्ताह का दिएत प्लान भी कर सकते हैं। कुछ लोग पोहे के अत्यधिक शोकीन होतें हैं पोहा समोसा कचोरी के बिना वे नाश्ता किया नहीं मानते। किन्तु यदि १ दिन दलिया दुसरे दिन कॉर्न फ्लक्स तीसरे दिन पोहा चौथे दिन उबले चने पांचवे दिन वेज सेंडविच (खीरा टमाटर के स्लाइस वाले ) छटवे दिन उबला मूंग aऔर सातवे दिन कचोरी समोसा

२ प्रतिदिन वाक्(२ से३ किलो मीटर ) पर जाना न भूलें ।

३ इन सभी बातों को ध्यान में रखकर पालन करें मोटापा आपको छू भी नहीं पायेगा |


शुभ कामनाओं सहित

डायटिंग / आहार नियमन के बारे में


आज मैं आपको आहार सम्बन्धी जानकारी देना चाहूँगा । जो लोग मोटापे से ग्रस्त हैं तथा वजन कम करना चाहते हैं वोह लोग इन बातों पर ध्यान दे

कुछ लोग मोटापा कम करने के लिए खाना पीना बिलकुल कम कर देते हैं अथवा सिर्फ एक समय भोजन करते हैं , इससे कमजोरी आना शरू हो जाती है मोटापा कम तो नहीं होता परन्तु शरीर शिथिल हो जाता है।

२ कुछ लोग घी तेल चिकने (वसा युक्त पदार्थ ) बिलकुल बंद कर देते हैं जो की हानि करक है। इससे शरीर में रूक्षता /रूखापन आता है शरीर कड़क और त्वचा मुरझा जाती है । यहाँ यह बात विचार करने योग्य है की भैंस का घी हानिकारक होता है जिसमे पोली अन्सचुरातेद फैट की मात्र अधिक होने के कारन लेकिन इस की जगह गाय का घी उपयोग में लाया जाता है तो वह हितकर है।

३ कुछ लोग जोश में आकर अंधाधुंध व्यायाम करते हैं तथा सोचते हैं की दो ही दिनों में वजन घटा लेंगे । यह शरीर के लिए अत्यधिक हानिकारक है। वजन कम करना के लिए सबसे सिम्पल वाकिंग जोग्गिंग करें |
लगातार अगली पोस्ट पर ............

Saturday, June 12, 2010

सौन्दर्य और आयुर्वेद

सुंदरता बरकरार रखने के लिए कुछ ऐसे घरेलू उपाय हैं, जिससे आप सदा जवाँ बने रह सकते हैं। नींबू के रस में आँवले का चूर्ण मिलाकर बालों की जड़ में लगाने से बाल जल्दी बढ़ते हैं। इसके अलावा आँवले के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर लगाना चाहिए। त्वचा को प्रोटीन ट्रीटमेंट देते रहने के लिए कच्चे दूध में हल्दी मिलाकर लगानी चाहिए। इसके अलावा चने की दाल को पीसकर उसमें गुलाब जल मिलाकर लगाने से त्वचा में गजब का निखार आ जाता है। इससे चेहरे के रोएँ भी धीरे-धीरे हल्के होते हैं और दाग-धब्बे भी मिटते हैं।

आँखों के आसपास के काले धब्बे को मिटाने के लिए कच्चे दूध को रुई में भिगोकर लगाएँ। बाजार में मिलने वाले फेसवॉश का इस्तेमाल करने की अपेक्षा बादाम पीसकर उसमें मलाई और ठंडा दूध मिलाकर लगाएँ। इससे आपकी त्वचा तरोताजा हो जाएगी और रौनक भी बनी रहेगी। इसका उपयोग कर आप चाहें तो रोज कर सकती हैं ।

नींबू सौंदर्य बढ़ाने में जबसे ज्यादा कारगर है। नहाने के पानी में नींबू का रस मिलाकर नहाने से ताजगी मिलती है। नींबू के रस में शहद मिलाकर बालों में लगाने से उसका रूखापन दूर होता है। 10 दिन के अंतराल में नींबू मिले गर्म पानी में पुदीना और तुलसी मिलाकर भाप लेने से निखार आता है।

NOW NO WORRY FOR AIDS PLEASE VISIT www.ihelathcarelabs.com

Thursday, June 10, 2010

aaj kaa mantra

जोड़ों के दर्द में एक गिलास गर्म पानी में नीबू निचोड़कर दिन में 8 से 10 बार पिएँ।

* जोड़ों पर नीम के तेल की हल्की मालिश करने पर आराम मिलता है।

* लौकी का गूदा तलवों पर मलने से उनकी जलन शांत होती है।

* शरीर में किसी भी भाग या हाथ-पैर में जलन होने पर तरबूज के छिलके के सफेद भाग में कपूर और चंदन मिलकर लेप करने से जलन शांत होती है।

* घमौरियों में सरसों के तेल में बराबर का पानी मिलाकर फेंट लें व घमौरियों पर लगाएँ, शीघ्र आराम मिलेगा।

* गरमियों में जब नाक से खून आने लगे तो रोगी को कुरसी पर बिठाकर उसका सिर पीछे कर दें और हाथ ऊपर। रोगी को मुँह से साँस लेने को कहें। कपूर को घी में मिलाकर रोगी के कपाल पर लगाएँ। खून आना बंद होने पर सुगंधित इत्र सुंघाएँ।

* तेज गरमी से सिर दर्द होने पर गुनगुने पानी में अदरक व नीबू का रस व थोड़ा सा नमक मिलाकर पीने से आराम मिलता है।

NO PANIC FOR AIDS NOW VISIT WWW.ihealthcarelabs.com